ये नहीं बताया गया था कि धूमकेतु की पूँछ इतनी झीनी है कि उसकी गैसें और अन्य तमाम पदार्थ सूटकेस के आकार के किसी बर्तन में समा जाएँ.
2.
ये नहीं बताया गया था कि धूमकेतु की पूँछ इतनी झीनी है कि उसकी गैसें और अन्य तमाम पदार्थ सूटकेस के आकार के किसी बर्तन में समा जाएँ.
3.
कई यूरोपीय और अमेरिकी लोगों ने इस कपोल कथा पर यकीन कर लिया था कि इस धूमकेतु की पूँछ से गैसों का रिसाव हो रहा है और इससे पृथ्वी का वातावरण प्रदुषित होगा और एक दिन दुनिया खत्म हो जाएगी.